HINDI CELL
ABOUT HINDI CELL
हिन्दी प्रकोष्ठ केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय में संघ सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन का मार्गदर्शन एवं निगरानी का कार्य संभालता है । प्रकोष्ठ का आरंभ 2012 में हुआ । यह राजभाषा नीति, राजभाषा अधिनियम 1963, राजभाषा नियम 1976 और राजभाषा नीति के संबंध में संघ सरकार द्वारा जारी अन्य विनियमों, अनुदेशों के कार्यान्वयन में विश्वविद्यालय की सहायता पहूँचाता है । विश्वविद्यालय में हिन्दी प्रकोष्ठ की गतिविधियों को एक हिन्दी अधिकारी और हिन्दी अनुवादक देख रहे हैं ।
हिन्दी अधिकारी : डॉ. अनीश कुमार टी के
हिन्दी अनुवादक : श्रीमती अमिता एस
राजभाषा कार्यान्वयन समिति (राभाकास) की बैठकें हर तिमाही में नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं जिन में विश्वविद्यालय के राजभाषा कार्यान्वयन की स्थिति पर चर्चाएँ होती हैं । बैठकों की कार्यवृत्त एवं तिमाही प्रतिवेदन गृह मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को नियमित रूप से प्रस्तुत की जाती हैं । विश्वविद्यालय राजभाषा विभाग और यूजीसी, मंत्रालयों द्वारा समयसमय पर जारी
राजभाषा से संबंधित अनुदेशों/सुझावों को लागू करता है ।
सभी उपाधि प्रमाणपत्र द्विभाषी रूप में जारी किये जाते हैं । विश्वविद्यालय में प्रयु किए जानेवाले पत्र शीर्ष, फाइल फोल्डेर, रजिस्टर, फार्म आदि सभी लेखन सामग्रियाँ द्विभाषी रूप में ही तैयार की जाती हैं । समस्त बोर्ड, रबड़ की मोहरें आदि को नियमानुसार द्विभाषी/त्रिभाषी बनाने के लिए प्रकोष्ठ सहयताएँ देते हैं ।
यह प्रकोष्ठ कर्मचारियों के हिन्दी कार्यसाधक ज्ञान को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नियमित रूप से हिन्दी कार्यशालाएँ आयोजित करता है ।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां
- राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति,कासरगोड के अध्यक्ष के रूप में माननीय कुलपति प्रो. एच वेंकटेश्र्वरलु जी को नियु किया गया ।
- विश्र्वविद्यालय की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के निर्णयानुसार, हिन्दी विभाग ने केरल केन्द्रीय विश्र्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए हिन्दी प्रमाणपत्र पाठयक्रम शुरू किया था और उसी का प्रथम बैच संपन्न हुआ है।
- राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में लिए गए प्रशंसनीय कदम के लिए 2016 में विश्र्वविद्यालय को परिवर्तन जन कल्याण समिति, दिल्ली द्वारा दिए जानेवाला राजभाषा विशिष्ट सम्मान प्राᄍा हुआ ।
- सहायक निदेशक (रा.भा), डॉ.टी.के.अनीश कुमार को वर्ष 2016 में परिवर्तन जन कल्याण समिति, दिल्ली द्वारा दिए जानेवाला राजभाषा हिन्दी ज्ञान रत्न सम्मान प्राप्त हुआ ।
- डॉ.टी.के.अनीश कुमार द्वारा रचित पुस्तक ‘जनवादी चेतना और स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी नाटक’ को सन् 2014 में अच्छे आलोचना ग्रंथ के रूप में राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन पुरस्कार प्राप्त हुआ ।
लक्ष्य
- प्रकोष्ठ राजभाषा नितियों एवं नियमों के अनुपालन से संबंधित कार्य करता है ।
- राजभाषा से संबंधित वार्षिक कार्यक्रम एवं जाँच बिंदु की अनुपालन सुनिश्चित करना ।
- राजभाषा कार्यान्वयन समिति के तिमाही बैठकों का आयोजन करना ।
- राजभाषा हिन्दी का प्रगतिशील प्रयोग के लिए तिमाही, अर्धवार्षिक एवं वार्षिक प्रतिवेदनों का संग्रह एवं प्रस्तुत करना ।
- प्रशासनिक अनुवाद कार्य करना ।
- विश्वविद्यालय वेबसाइट को द्विभाषी रखना ।
- विश्वविद्यालय के वार्षिक प्रतिवेदन, वार्षिक लेखा विवरण, अध्यादेश आदि को -भिाषी प्रारूप में तैयार करना ।
- नौकरी अधिसूचनाएँ, प्रवेश अधिसूचनाएँ आदि को -भिाषी प्रारूप में विज्ञापित करना ।
- कर्मचारियों के लिए हिन्दी कार्यशाला का आयोजन करना ।
- हर साल हिन्दी पखवाडा समारोह का आयोजन करना ।
- कर्मचारी एवं विद्यार्थियों के लिए हिन्दी प्रतियोगिताओं का आयोजन करना ।
- विश्र्वविद्यालय में हिन्दी पत्राचार को बढ़ावा देने के लिए कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना ।
- हिन्दी टिप्पण एवं आलेखन को प्रोत्साहित करना ।
- विश्वविद्यालय में प्रयुक्त पंजियों में हिन्दी में प्रविष्टियाँ करने के लिए कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना ।
- हिन्दी में अधिक कार्य करने के लिए प्रोत्साहन योजना का कार्यान्वयन करना ।
- नियमानुसार मुद्रित सामग्रियाँ/बोड्र्स/मोहर/मुलाकात पर्ची आदि को द्विभिाषी/त्रिभाषी में सुनिश्चित करना ।
- राजभाषा हिन्दी से संबंधित अन्य सभी काम ।
राजभाषा कार्यान्वयन समिति
विश्वविद्यालय में राजभाषा के प्रभावशाली कार्यान्वयन के लिए माननीय कुलपति की अध्यक्षता मे राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन हुआ है ।
| Sl.No |
Name |
Designation |
| 1. |
प्रो. एच वेंकटेश्वरलु, कुलपति |
अध्यक्ष |
| 2. |
डॉ. सन्तोष कुमार एन, कुलसचिव |
कार्यपालक अध्यक्ष |
| 3. |
परीक्षा नियंत्रक |
सदस्य |
| 4. |
स्कूल के सभी अधिष्ठाता |
सदस्य |
| 5. |
सभी विभागाध्यक्ष |
सदस्य |
| 6. |
उप पुस्तकालयाध्यक्ष |
सदस्य |
| 7. |
उप कुलसचिव |
सदस्य |
| 8. |
कार्यपालक अभियंता |
सदस्य |
| 9. |
सभी सहायक कुलसचिव |
सदस्य |
| 10. |
प्रणाली विश्लेषक |
सदस्य |
| 11. |
सभी चिकित्सा अधिकारी |
सदस्य |
| 12. |
जन संपर्क अधिकारी |
सदस्य |
| 13. |
तकनीकी अधिकारी |
सदस्य |
| 14. |
सूचना वैज्ञानिक |
सदस्य |
| 15. |
सभी अनुभाग अधिकारी |
सदस्य |
| 16. |
सुरक्षा अधिकारी |
सदस्य |
| 17. |
डॉ. टी के अनीश कुमार, हिन्दी अधिकारी |
संयोजक |
नराकास
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय के दिनांक 10.08.2021 के आदेशानुसार नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कासरगोड की अध्यक्षता केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एच वेंकटेश्वरलु को सौंपा गया और केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय को नियंत्रण कार्यालय बना दिया । डॉ. अनीश कुमार टी के, हिन्दी अधिकारी नराकास के सदस्य सचिव है ।
नराकास का कार्य कासरगोड जिले में स्थित केन्द्र सरकार के कार्यालयों, बैकों, सार्वजनिक उपक्रमों में राजभाषा के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देना, राजभाषा नीति के कार्यान्वयन की समीक्षा करना और राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के मार्ग में आ रही कठिनाइयों को दूर करना है ।
22 अक्तूबर, 2021 को पहला बैठक का आयोजन हुआ और उस अवसर पर नराकास के भूतपूर्व सदस्य सचिव श्रीमती के श्रीलता ने औपचारिक रूप से नराकास का कार्यभार माननीय कुलपति को सौंपा गया । इस सिलसिले में नराकास सदस्य कार्यालयों के कार्यालय प्रमुखों के लिए “राजभाषा कार्यान्वयन का महत्व ” पर एक हिन्दी कार्यशाला आयोजित किया गया ।
अल्पकालिक हिन्दी प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम
राजभाषा कार्यान्वयन के सिलसिले में केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय अपने कर्मचारियों (शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक) के लिए, हिन्दी विभाग के अधीन, एक अल्पकालिक हिन्दी प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम आयोजित करता है ।पाठ्यक्रम की अवधि तीन महीना है । कक्षाएं हर सोमवार, मंगलवार एवं बुघवार को अपराह्न 4.30 बजे से 5.30 बजे तक हिन्दी विभाग में आयोजित की जाएँगी । विश्वविद्यालय समूह के बीच हिन्दी भाषा को बढावा देना एवं विश्वविद्यालय के राजकीय प्रयोजनों के लिए हिन्दी भाषा का उपयोग करने के लिए कर्मचारियों को सुसज्जित कराना इस पाठ्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य हैं । इस पाठ्यक्रम में बोलचाल की हिन्दी, हिन्दी में टिप्पण एवं आलेखन, यूनिकोड टंकण, राजभाषा कार्यान्वयन से संबंधित महत्वपूर्ण नियम आदि शामिल हैं । सीटों की कुल संख्या 20 है ।
जो कर्मचारी हाई स्कूल स्तर तक हिन्दी को एक विषय के रूप में /माध्यम के रूप में पठा है या जो स्वयं घोषणा करते / करती हैं कि वे हिन्दी लिखना और पढना जानती/जानते हैं, इस पाठ्यक्रम में भाग ले सकते हैं ।